कंकड, पत्थर, धरती, बादल,
या हो नीला आकाश ।
मुझमें, तुझमें, हवा और जल में,
मिलता है हरदम आभास
पशु, पक्षी, कीट पतंगें,
सूर्य, चंद्र में भी है वास।
धमधम, गुनगुन, झरझर, टपटप,
सभी हैं मेरी आवाज़।
चाहे कहीं आओ , जाओ,
रहे हमेशा मेरा साथ।
बूझ सको तो बूझ लो मुझको,
तुम्हें किस नाम से मेरा अहसास।
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