7607529597598172 हिंदी पल्लवी: 2021

सोमवार, 25 जनवरी 2021

पिंजरा

सिर झुकाए, हाथ बाँधे,
 मुँह से कुछ ना बोलता।

                                          आंखों के कुछ रोष से ,

                                         दिमाग से कुछ  तोलता।

       किस्मत लेख बदलने को, 

कदमों पर है डोलता।

                         घुटी चीखें बदली हैं ,

                                अब रक्त में कुछ खौलता।

सलाखों में जकड़ा हुआ, 

सदियों से राहें जोहता

                              काज जो उसने किया ,

                            आज सिर चढ़ डोलता

अपराध इसको तुम कहो ,

वह बंद पिंजरा खोलता ।

पल्लवी गोयल 

चित्र साभार गूगल

गणतंत्र दिवस


वीर शहीदों की कुर्बानी 
याद रहे चिरकाल तक।
तिरंगे की अमर कहानी 
गूँजे हर एक माथ तक।

आज राष्ट्रगान गूँजा है
भविष्य बस  यशगान हो।
तिरंगे की तीन छटा -सा
 समृद्धि ,प्रीति ,सम्मान हो।

 गणतंत्र की हर सुबह में  
एक संदेशा याद रहे।
कल भी पैदा होंगे भेदी 
वह निर्बल असहाय रहें।

शीश तना खड़ा हो ऊपर 
मानवता को झुक प्रणाम हो।
झंडे के समक्ष माथे पर हाथ
 हर सैनिक को सलाम हो।


देश व विदेश में बसे हर एक भारतवासी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।