ज़िंदगी , ऐ ज़िंदगी
मुझे तुमसे प्यार,
मुझे तुमसे प्यार।
तुम एक रास्ता हो,
जो चलता है अनवरत, लगातार।
कभी जंगल, कभी बगीचा,
कभी चौरस्ता, कभी मिलता है हाट।
हर एक रास्ते से है,
ऐ ज़िंदगी मुझको प्यार।
सुख भी है, दु:ख भी है,
यहां गम अनेक, खुशियाँ हज़ार।
तेरे हर भाव से, मुझको प्यार।
ऐ ज़िंदगी मुझे तुमसे प्यार।
चलना भी है, रुकना भी है,
मुड़ना भी है, झुकना भी है।
तेरे हर एक कदम पर मेरा ऐतबार।
ऐ ज़िंदगी , मुझे तुमसे प्यार।
यहां दोस्त भी, दुश्मन यहां,
अजनबी यहीं, यहीं जांनिसार,
इस राह के हर राही से प्यार,
ऐ ज़िंदगी, मुझे तुमसे प्यार।
चाहे मंज़िल हो या रास्ता,
या मील का पत्थर कोई,
चलता हर कदम लगे बेमिसाल,
ऐ ज़िंदगी मुझे तुमसे प्यार।
पहाड़ के ऊँचे दरख्त से प्यार,
खाड़ी की उड़ती चिड़िया से प्यार।
ऐ ज़िंदगी मुझे तुमसे प्यार,
ऐ ज़िंदगी मुझे तुझसे प्यार।
- पल्लवी गोयल
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