7607529597598172 हिंदी पल्लवी: श्री राम वंदन

बुधवार, 20 मई 2015

श्री राम वंदन


कौशल्या  नंदन  को  मेरा  वंदन, 
शत-शत  उन्हें प्रणाम। 
असुर, निशाचर  दुष्ट दलन  कर, 
ऋषि -  मुनियों को  दिया  विश्राम। 
कैकेयी  संग  दशरथ  की 
गोद में  अपूर्व  शोभायमान। 
सिंहासन  तज  फांकी  वन - रज
पितृ  वचन  को  दिया  सम्मान। 

भ्राता  को  सिंहासन  सौंपा, 
मातृप्रेम  का  दिया  प्रमाण। 
वानर,  रिछ , भालू  संग  रहकर, 
प्रकृति  प्रेम  का  दिया ज्ञान। 
संग  लंका,  लंकाधिपति  विनष्ट  कर, 
नष्ट  किया , विनाशी  का  अभिमान। 
त्याग दिया  प्रिय  भार्या  को भी ,
 राजकुल,  राजमर्यादा  के  नाम। 
आदर्शवादी, रघुकुलशिरोमणि, प्रजापालक, 
अयोध्यापति  श्रीराम  है  इनका नाम। 
ऐसे  श्री राम  को  मेरा  वंदन, 
शत-शत उन्हें प्रणाम। 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें