7607529597598172 हिंदी पल्लवी: हे हिंद वासियों! कश्मीर वासियों!

सोमवार, 12 अगस्त 2019

हे हिंद वासियों! कश्मीर वासियों!


हे हिंद वासियों !कश्मीरी बंधुओं!
 तुम भारत का सिरमौर हो
सत्तर वर्षों की कड़ी तपस्या
 के तुम जीवित धैर्य  हो।

 सीमा पर होने के
तुमने असंख्य वार सहे हैं
अदृश्य रेखा के इस पार सही
हमने भी सब दुख देखे हैं।

अब जो मिटी है वह अदृश्य अभी
उसको दिल से भी हटा देना
हो बिछड़े हुए तुम बरसों के
तुम भी बाहें फैला देना

 बोए हुए इस पराएपन ने
बहुत से त्रास रचे हैं
न पराए तुम हो, ना पराए हम
हाथ मिलाकर है चलना

 जो तलवार उठेगी तुमपर
ढाल होगा यह गात भी
 भ्राता, बंधु अरे सहोदर
 दुख पर मरहम हाथ भी।

हाथ से हाथ मिला कर चलना
लिखना है इतिहास अभी।
जंग हुई तो साथ रहेंगे
अमन हुआ तो सुख  भोगेंगे

ईद ,दिवाली ,स्वतंत्र, गणतंत्र
त्योहार साथ मनाएंगे
राष्ट्र मान तिरंगे तले
राष्ट्रगान सब गाएंगे

 संविधान है एक हमारा
 अधिकार हमारे समान है
भारत की हर अंतिम सीमा
पर हम सबका अधिकार है!!!

पल्लवी गोयल
चित्र गूगल से साभार 

11 टिप्‍पणियां:


  1. जो तलवार उठेगी तुमपर
    ढाल होगा यह गात भी
    भ्राता, बंधु अरे सहोदर
    दुख पर मरहम हाथ भी।
    बहुत ही सुन्दर सार्थक एवं लाजवाब सृजन

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  2. बहुत अच्छी अभिव्यक्ति । अभिनंदन ।

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  3. आदरणीय रवीन्द्र जी,
    देर से जवाब देने के लिए क्षमा चाहती हूँ ।रचना को चर्चा में स्थान देने के लिए हृदय से आभार ।

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