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हिंदी पल्लवी: हमराही
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रविवार, 11 अगस्त 2019
हमराही
ज़िंदगी हो ,साथी हों
साथ जीने की
बेताबी हो
चाहे रास्ता हो
ना मंज़िल
चलने का जज़्बा
रास्ता दिखाए
उस रास्ते को ही
मंजिल समझ
हर पल को
जी लीजिए
रास्ते के इस
सफ़र में
हमराही की सुगंध
का लुत्फ़ लीजिए ।
पल्लवी गोयल
चित्र गूगल से साभार
6 टिप्पणियां:
Subodh Sinha
11 अगस्त 2019 को 5:06 pm बजे
अच्छा है ...
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पल्लवी गोयल
14 दिसंबर 2019 को 2:38 am बजे
धन्यवाद महोदय ।
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Ritu asooja rishikesh
11 अगस्त 2019 को 7:26 pm बजे
वाह क्या बात ,
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पल्लवी गोयल
14 दिसंबर 2019 को 2:38 am बजे
धन्यवाद ।
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Ritu asooja rishikesh
16 अगस्त 2019 को 7:42 am बजे
सुन्दर
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पल्लवी गोयल
14 दिसंबर 2019 को 2:39 am बजे
धन्यवाद ।
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अच्छा है ...
जवाब देंहटाएंधन्यवाद महोदय ।
हटाएंवाह क्या बात ,
जवाब देंहटाएंधन्यवाद ।
हटाएंसुन्दर
जवाब देंहटाएंधन्यवाद ।
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