जीवन है बहुत छोटा, करने हैं बहुत काम।
नाम? नाम को रहने दो अनाम।
परिचय है बहुत छोटा, नाम है अनाम,
उदासी ? इसमें उदासी का क्या काम।
दिल है बहुत छोटा उदासी का धाम,
प्यार ? हां प्यार से इसमें डालो जान।
समाज है बहुत छोटा, देना प्यार का पैगाम,
दुनिया ? दुनिया है ज़वाब प्यारे इंसान।
इंसान तू बहुत छोटा भीड़ है बेलगाम,
मित्रता , मित्रता को तू दे सम्मान।
मित्र.! तू है बहुत छोटा ! कहते हैं कुछ बेलगाम
हिम्मत ! हिम्मत से ही बनेगा काम।
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