7607529597598172 हिंदी पल्लवी: इंसान

सोमवार, 27 अप्रैल 2015

इंसान


जीवन  है  बहुत  छोटा, करने हैं  बहुत  काम।
नाम?  नाम  को  रहने  दो  अनाम।

परिचय है  बहुत   छोटा, नाम है  अनाम,
उदासी ? इसमें उदासी का क्या काम।

दिल  है  बहुत  छोटा उदासी  का धाम,
प्यार ?  हां प्यार  से  इसमें  डालो  जान।

समाज  है  बहुत छोटा, देना  प्यार  का  पैगाम,
दुनिया ?  दुनिया है  ज़वाब  प्यारे  इंसान।

इंसान  तू  बहुत  छोटा भीड़  है  बेलगाम,
मित्रता ,  मित्रता  को  तू  दे  सम्मान।

मित्र.!  तू है  बहुत  छोटा ! कहते हैं  कुछ बेलगाम
हिम्मत !  हिम्मत  से  ही  बनेगा  काम।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें