विचारों की भी अजब कहानी होती है
विचारों की दुनिया कुछ पहचानी
कुछ अनजानी सी होती है
कभी पहुंचते परी लोक तो
कभी पहुंचते प्रिय आँचल में
कभी चन्द्र की ऊँचाई पर
कभी पाताल की गहराई तक
चंद्रयान यात्री से पहले
विचार वहाँ पहुंचा था
विचार ही है वह गोताखोर
जो आत्मसागर में डुबकी लगाता
विचारों ने ही निराकार
को साकार बनाया
इसी छाते ने सद्गुण के पास
और दुर्गुण से दूर रहना सिखाया
विचार ही हैं जिन्होंने
रोगी को यमराज तक
डॉक्टर को आँत तक
कवि को चाँद तक
नर को शक्ति तक
सैनिक को मैदान तक
जेहादी को आत्मदाह तक
पहुंचने का रास्ता दिखाया
विचार मंथन ही
दुर्गुणों की छाछ दूर फेंक
इन्सान को इन्सान बनाता
विचार ही दिन के उजाले
रात के अँधेरे का अंतर बताता
इसकी ऊर्जा क्या न
पहुंची छात्र तक
जिसकी तेजी ने पहुंचाया
रॉकेट यान को आकाश तक
ये ही तो थे
जिसने समय समय पर
तेरा साथ दिया
वे यही है
जिन्होंने तुझे पथभ्रष्ट किया
तू अपने आप को क्यों
दोष देता है
ये गुरु हस्त तले
और संगत में पलता है
पल्लवी गोयल
सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंrajasthan current gk http://techgkguide.blogspot.com/2015/11/rajasthan-current-gk.html
धन्यवाद महोदय।
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