7607529597598172
हिंदी पल्लवी: माँ
हिंदी पल्लवी
साहित्यिकअंकुरण की यात्रा
पेज
मुखपृष्ठ
प्रकाशित साझा पुस्तकें
पुरस्कार व सम्मान
शनिवार, 24 अक्तूबर 2015
माँ
माता तो होती है देवी
बच्चों के लिए सबकुछ
छोड़ देने वाली
बच्चों को सबकुछ
दे देने वाली
उस देवी का दर्द
पढ़ा किसने ?
जब सामने की थाली
सरकाई लाल को सामने
तो क्या उसका पेट
नहीं था ख़ाली ?
पल्लवी गोयल
2 टिप्पणियां:
Jyoti Dehliwal
27 अक्तूबर 2015 को 9:12 pm बजे
बढ़िया प्रस्तुति...पल्लल्वि जी
जवाब दें
हटाएं
उत्तर
पल्लवी गोयल
31 अक्तूबर 2015 को 7:24 am बजे
dhanyavaad jyoti ji
हटाएं
उत्तर
जवाब दें
जवाब दें
टिप्पणी जोड़ें
ज़्यादा लोड करें...
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
बढ़िया प्रस्तुति...पल्लल्वि जी
जवाब देंहटाएंdhanyavaad jyoti ji
हटाएं