आर्यावर्त की आर्य संस्कृति
विश्व में पाती सर्वोच्च स्थान
ऋषि - मुनि , रिश्ते - नातों को
सदैव देती यथोचित सम्मान
इतिहास के स्वर्णिम अक्षरों को
उलट - पलट कर जब हम झांकें
हुमायूं को राखी पर झुकते
धाय माँ को सम्मान देते पाते
पिता के एक वचन की खातिर
पुत्र व्यर्थ करता चौदह वर्ष
यहीं शिवाजी मातृ इच्छा पर
भटकते दिखते वनों वनों पर
राजा प्रजा के आदरवश
प्रिय पत्नी त्याग का भार उठाता
वहीं पत्नी का अस्तित्व
फटी भूमि में सहज समाता
भक्ति भी बिन आदर के
हृदय में पाती कहाँ स्थान
राम कृष्ण हो या मात पिता
जन-जन का हृदय है इसका धाम
Wow very beautiful.☺👌👌👌👍
जवाब देंहटाएंWow very beautiful.☺👌👌👌👍
जवाब देंहटाएंThank you, sudha ma'am
जवाब देंहटाएं