👌👌👌👌👍👍👍👍👍👍👍👍👏👏👏👏👏👏👏👏😍😍😍😍😍😍😍😍
सूचनाओं, संदेशों और ज्ञान के
समुद्र के अंदर छोड़ दिये गये हैं हम आज
लहरों के समान हर बार ये उठाते हैं ये ऊपर
पर परिणति किनारों पर दम तोड़ना ही है
नमकीन, खारे पानी का स्वाद अंदर की
उबकाइयों को बाहर खींच लाता है
हृदय में तो मीठा स्रोता बहता है पर
नमकीनियत चखने को लाचार हैं
जब भी घुलती है मिठास मीठी लहर की
हृदय समानता की ओर वेग से बहता है।
चित्र साभार गूगल
हृदय में तो मीठा स्रोता बहता है पर
जवाब देंहटाएंनमकीनियत चखने को लाचार हैं
. एकदम समसामयिक और सटीक. वाह 👏 👏
धन्यवाद सुधा मैम।
हटाएंवाह ... हर छंद सुन्दर है ... सामयिक बात कहता हुआ ...
जवाब देंहटाएंधन्यवाद, दिगम्बर जी
हटाएंशुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंबेहतरीन
गूगल फॉलोव्हर गेजेट लगाइए
सादर
आपके अमूल्य सुझाव और प्रोत्साहन के लिए हृदय से आभार है। आदरणीया यशोदा जी ।
हटाएं